2022 तक मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजेगा इसरो, जल्द होगा मिशन चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण
Updated Fri, 26 Oct 2018

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन डॉ. कै. शिवन ने कहा कि वाराणसी सहित देश के छह शहरों में रिसर्च सेंटर खोला जाएगा। इसकी प्रक्रिया तेजी से चल रही है। वाराणसी में सेंटर स्थापित करने की मंजूरी मिल चुकी है। देश के छह शहरों में इक्विपमेंट सेंटर भी स्थापित किया जाना है। डॉ. शिवन शुक्रवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लेंगे। इसी सिलसिले में वह बृहस्पतिवार को गोरखपुर आए। होटल क्लार्क्स ग्रैंड में पत्रकारों से बात की और कहा कि श्रीहरिकोटा से तीन जनवरी से 16 फरवरी 2019 के बीच मिशन चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया जाएगा। चेयरमैन ने इसरो के रिसर्च और इक्विपमेंट की उपयोगिता भी बताई।
कहा कि जहां उद्योग, विश्वविद्यालय, इंस्टीट्यूट ज्यादा हैं, उन क्षेत्रों में इक्विपमेंट सेंटर की मदद से अच्छा काम किया जा सकता है। यह सेंटर अगरतला, जालंधर, इंदौर, नागपुर, कोच्चि और भुवनेश्वर खोला जाएगा। जहां एकेडमिक इंस्टीट्यूट अधिक हैं, वहां रिसर्च सेंटर खोले जाने हैं। इसकी मदद से गुणवत्ता परक शोध संभव होगा। गुवाहाटी, जयपुर, कन्याकुमारी, वाराणसी, कुरुक्षेत्र और पटना में रिसर्च सेंटर की भूमि तलाशी जा रही है। देश की 75 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। कृषि क्षेत्र में एडवांस तकनीक पर योजना भी बनाई गई है। अच्छी तकनीक से कृषि क्षेत्र को और बेहतर बनाया जा सकता है।
गोरखपुर में भी खुल सकता है रिसर्च सेंटर
चेयरमैन ने कहा कि गोरखपुर ऐसा क्षेत्र है, जहां रिसर्च की सर्वाधिक जरूरत महसूस की जा रही है। गोरखपुर विश्वविद्यालय रिसर्च सेंटर खोलने का प्रस्ताव भेजे तो इसरो सकारात्मक फैसला लेगा। गोरखपुर में रिसर्च सेंटर खोला जा सकता है।
स्वदेशी तकनीक से चंद्रमा पर पहुंचेंगे
चंद्रमा पर पहुंचने के लिए इसरो स्वदेशी तकनीक पर काम कर रहा है। अभी नासा की मदद ली जा रही है। 2021 तक स्वदेशी तकनीक विकसित हो जाएगी। डॉ. शिवन ने कहा कि इसरो की साख दुनिया में बढ़ी है। दुनिया के विकासशील देश भी इसरो की मदद से सेटेलाइट का प्रक्षेपण करा रहे हैं।
चार सेटेलाइट प्रक्षेपित करके डिजिटल इंडिया योजना को प्रभावी बनाने की कवायद
इसरो प्रमुख ने कहा कि केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण डिजिटल इंडिया योजना को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए चार सेटेलाइट अंतरिक्ष में छोडे़ जाएंगे। दो सेटेलाइट नवंबर, दिसंबर में प्रक्षेपित किए जाने हैं। दो सेटेलाइट 2019 में प्रक्षेपित किए जाएंगे। ऐसा हुआ तो नेटवर्क की समस्या दूर हो जाएगी
गोरखपुर में भी खुल सकता है रिसर्च सेंटर
चेयरमैन ने कहा कि गोरखपुर ऐसा क्षेत्र है, जहां रिसर्च की सर्वाधिक जरूरत महसूस की जा रही है। गोरखपुर विश्वविद्यालय रिसर्च सेंटर खोलने का प्रस्ताव भेजे तो इसरो सकारात्मक फैसला लेगा। गोरखपुर में रिसर्च सेंटर खोला जा सकता है।
स्वदेशी तकनीक से चंद्रमा पर पहुंचेंगे
चंद्रमा पर पहुंचने के लिए इसरो स्वदेशी तकनीक पर काम कर रहा है। अभी नासा की मदद ली जा रही है। 2021 तक स्वदेशी तकनीक विकसित हो जाएगी। डॉ. शिवन ने कहा कि इसरो की साख दुनिया में बढ़ी है। दुनिया के विकासशील देश भी इसरो की मदद से सेटेलाइट का प्रक्षेपण करा रहे हैं।
चार सेटेलाइट प्रक्षेपित करके डिजिटल इंडिया योजना को प्रभावी बनाने की कवायद
इसरो प्रमुख ने कहा कि केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण डिजिटल इंडिया योजना को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए चार सेटेलाइट अंतरिक्ष में छोडे़ जाएंगे। दो सेटेलाइट नवंबर, दिसंबर में प्रक्षेपित किए जाने हैं। दो सेटेलाइट 2019 में प्रक्षेपित किए जाएंगे। ऐसा हुआ तो नेटवर्क की समस्या दूर हो जाएगी
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